Monday, 27 March 2017

Some Guidelines For Giving Marks To Yourself In Daily Chart :-

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Some Guidelines For Giving Marks To Yourself In Daily Chart :-

-- अगर आपने आधा घंटा मुरली revise की या बाबा की कोई अव्यक्त वाणी पडी या कोई और class सुनी तो उसे भी मनन चिंतन में count कर सकते हैं ।

-- अगर आपने बार बार सभी को आत्मा देखने का अभ्यास किया या उस तरह का कोई और अभ्यास किया तो उसे आप स्वमान के अभ्यास में count कर सकते हैं । आप दिन में अलग अलग समय पर अलग स्वमान का अभ्यास् भी कर सकते हैं।

-- अगर आप अपने लोकीक profession या किसी और जिम्मेवारी की वजह से 6:30 to 7:30 नुमा शाम का योग नहीं कर पाए और वो आपने अगर 2 शिफ्ट्स में किया ( suppose 5 to 5:30 & 8:30 to 9 ) तो उसे भी आप नुमा शाम के योग में count कर सकते हैं ।

-- अगर आपने नुमा शाम के योग के समय कोई अच्छी से class सुनी या बाबा की कोई अव्यक्त वाणी पडी तो उसे भी आप नुमा शाम के योग में count कर सकते हैं ।

-- लेकिन अगर आप मुरली class में 5 मिनट भी देरी से पहुंचे या अमृत्वेला या नुमशाम योग 5 मिनट भी कम किया तो उसके मार्क्स आपको काटने हैं ।

-- अगर मुरली आत्मिक स्वरूप में स्थित होकर नहीं सुनी या मुरली सुनते समय बुधी इधर उधर भटकती रही ..... तो भी आपको मार्क्स काटने हैं  ।

-- अगर एक बार भी पानी बाबा को याद किये बिना पिया तो उसके भी मार्क्स आपको काटने है ।

-- अगर खाते समय 2-3 मिनट भी बुधी बाबा से हटी तो उसके भी मार्क्स आपको काटने हैं ।

-- अगर सुबह उठते ही बाबा की याद तुरंत नहीं आई और याद आने में 30 सेकंड की भी देरी हुई तो उसके भी मार्क्स आपको काटने हैं ।

धन्यवाद।
ॐ शांति।

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चार्ट में खुद को marks देने का आधार :-

-- Chart में आपका खुद को marks देने का आधार होगा आपकी अपने पुरुषार्थ से संतुष्टता। जिरतना आप अपने आज के पुरुषार्थ से संतुष्ट होंगे .... उसी हिसाब से आप खुद को चार्ट में मार्क्स देंगे ।

खुद से आप पुरुषार्थ में बहुत ज्यादा expectations भी ना लगायें की पूरी ही ना हो सकें । और बहुत कम expectations भी ना करें की आपका पुरुषार्थ बिलकुल भी गति ना पकडे ।

जैसे की एक 5 साल से ज्ञान में चल रहे बाबा के बच्चे ने अगर दिन में लगभग 60-70 बार स्वमान का अभ्यास किया तो वह खुद को स्वमान के अभ्यास में 15 out of 15 दे सकता है । लेकिन एक हफ्ते के बाद आप खुद को 15 out of 15 तभी दें अगर स्वमान के अभ्यास की counting 70 से 75 हो जाए । इस तरह धीरे धीरे पुरुषार्थ में अपनी संतुष्टता का parameter बढ़ाते चलें और खुद की अपने पुरुषार्थ की संतुष्टता के आधार पर पुरुषार्थ के अलग अलग नियमों और तरीकों में खुद को marks दें ।  खुद से एक दम से बहुत ज्यादा उम्मीदें न करें।

-- अगर अम्रुत्वेला आपको 45 मिनट ठीक ठाक से अनुभूति भी हुई तो भी आप खुद को 15 out of 15 दे सकते हैं लेकिन एक हफ्ते के बाद अगर आप योग की गहराई में 1% increase महसूस नहीं करते तो तब आप खुद को 14 out of 15 ही दें ।

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बाबा का एक ऐसा बच्चा जिसे कल ही बाबा का परिचय मिला है और अगर आज वो अमृत्वेला और नुमशाम योग के समय बाबा की फोटो के सामने बैठकर अगर सिर्फ बाबा बाबा भी मन में दोहराता रहता है तो वेह खुद को 15 out of 15 दे सकता है।
लेकिन अगर बाबा का कोई बच्चा 5 साल से ज्ञान में चल रहा है तो योग के समय विशेष आतम अभिमानी स्तिथि के अनुभव के अनुभव के बाद ही वह खुद को 15 out of 15 दे सकता है।
बाबा का कोई ऐसा बच्चा जो बहुत सालों साल से योगाभ्यास कर रहा है तो वह खुद को 15 out of 15 तभी देगा जब तक वह ज्वालामुखी योग की स्तिथि का अनुभव न कर ले।
हर बाबा के बच्चे के लिए उसकी स्तिथि प्रमाण उसके अनुभव प्रमाण संतुष्टता का parameter और मार्क्स देने का parameter अलग अलग है।
ॐ शान्ति

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आप satisfaction का मतलब इस तरह से लें की :-

जितना पुरुषार्थ आज के दिन करने की capability आपके अंदर है .... क्या आपने उतना पुरुषार्थ किया ??

आज के दिन जितनी बार हम स्वमान का अभ्यास कर सकते हैं  ... क्या उतना हो सका ?? हमारी last stage तो यह है की हम 24 घंटे स्वमान में रहें। पर हमें उस last stage से compare करके खुद को marks नहीं देने हैं । अगर आप last stage से compare करेंगे तो आप सिर्फ खुद 15 में से 2 या 3 no ही दे पायेंगे । आपके अंदर आज कितनी capability है स्वमान में रहने की ?? और reality में कितना उस स्वमान में रहे ?? यही अंतर हमारे marks decide करता है ।अगर हमने अपनी capability के अनुसार 100% perform किया तो हम खुद को 15 out of 15 देते हैं ।

अमृत वेला के मार्क्स भी हम इसी आधार पर देते हैं की क्या आज हमने अपनी शमता के अनुसार योग की गहराई महसूस की ?? लेकिन योग की actual last stage वो है जो आज दादियों को अनुभव होती हैं  ...

अगर आप उस last stage से compare करेंगे तो आप अमृत्वेला योग में खुद को कभी भी 15 में से 2 या 3 marks से ज्यादा नहीं दे पायेंगे ।

तो यहाँ पर satisfaction का मतलब है की क्या हमने अपनी शमता के अनुसार perform किया ??

आपकी शमता धीरे धीरे बढेगी .... जैसे जैसे आपकी शमता बड़ती चली जाए तो आप अपनी संतुष्टता का parameter भी बढ़ाते चके जाएँ और उसी अनुसार खुद को marks भी दें ।
ग्रुप में हर सदस्य की स्थिति प्रमाण उनकी satisfaction का parameter अलग अलग है ।

ॐ शांति
धन्यवाद

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