Friday, 22 September 2017

मीनू गर्ग बाबा मिलन

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❤ *प्रभु मिलन की अनमोल घड़ियां* ❤

❤मुझ आत्मा के लिए हर बाबा मिलन बहुत special  
है और अनमोल है... और हर बाबा मिलन अपने-आप में खास है... हर मिलन दिल पर छप जाने बाला है... लेकिन आज हम एक ऐसा बाबा मिलन शेयर करने जा रहे है... जो ना केवल हमारे लिए wonderful अनुभवों से भरपूर है... ब्लकि हमें इस बाबा मिलन से बहुत कुछ सीखने को भी मिला... जो कहें कई पाठ पक्के करा गया यू तो हमारा पहला बाबा मिलन हमारे लिए बेहद खास है... लेकिन आज हम wonderful अनुभवों से भरा अनुभव शेयर करने जा रहे है... हमें समय के according लगा यही शेयर करना चाहिए...
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💛ये बाबा मिलन 2015 के बाबा मिलन सीजन का पहला बाबा मिलन था... सभी की तरह हम भी बहुत उत्साहित थे इस बाबा मिलन के लिए ना जाने कब से इन्तजार कर रहे थे... कब बाबा आयेगे हम बाबा से मिलेंगे दृष्टि लेगें... लास्ट टाइम जब मिले थे तो बाबा को बोला था जल्दी आना जैसे-जैसे बाबा मिलन नजदीक आ रहा था और ही मिलने की तड़प बढ़ रही थी... रोज जब सेन्टर जाते बाहें फैलाए बाबा से गले लग जाते कहते मीठे बाबा आप जल्दी आओ हमें आपकी बहुत याद आ रही है... जैसे हम बाबा की तस्वीर को गले लगाते कहते बाबा आप जब आयेगे तो हमें ऐसे ही जादू की झपी देना... और खुब बातें करते... आखिर वह सुहावना ऐतिहासिक दिन  आ ही गया... एक-एक पल उसके इन्तजार में गुजर रहा था हमारे पांव जमी पर नहीं थे... उस दिन हमें लग रहा था हम उड़ रहे है... दिन में बार-बार बाबा का आवाहन किया... बाबा को लैटर लिखा.. गीत गाये... हम उस दिन खुशियों मे झूम रहे थे... बस एक-एक पल में मीठे बाबा के आने का इन्तजार और मन ही मन बहुत मीठी बातें कर रहे थे... और कह रहें थे बाबा आज तो आप हमें कुर्बान होने को कहो तो अभी हो जाये...
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💚दिन के समय उस दिन बहुत तुफान आया बारिश हुई... और तूफान बारिश लगी रही... शाम पांच बजे तक हम सेन्टर पँहुच गयें थे... लेकिन तूफान बारिश के कारण लाइट नहीं थी...
और भाई-बहने भी सेन्टर पर आ गये थे... बाहर तूफान बैसा ही था उस समय हमारे सेन्टर के दो दीदीयाँ मधुबन बाबा मिलन में चले गये थे एक ही दीदी जी थे सेन्टर पर... लाइट तो थी नहीं तो हम सभी योग करने बैठ गये... दीदी जी ने हमें कहाँ कमेंट्री कराओ... हमनें कमेन्ट्री की थोड़ी देर जैसे-जैसे समय बीत रहा था मिलने की तड़प बढ़ रही थी... नैन सजल हो रहे थे... रिसपॉन्स में हमें भी बाबा से बार-बार करंट मिल रही थी... बस अब केवल उसके आने का इन्तजार था नयन सिर्फ उसकी एक झलक पाने को बेचैन थे... लास्ट बाबा मिलन की वो यादें बार-बार आँखों के सामने आ रही थी बस कब बाबा आए दृष्टि दे... समय बीतता गया... पर लाइट नहीं आई  नुमाशाम का समय हो गया...
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💙तभी दीदी स्टेज पर आये इससे पहले की अन्दर से किसी के संकल्प चलते कि अब क्या होगा, बाबा मिलन कैसे होगा या लाइट कब आयेगी या दिलशिकस्त होते... उस से पहले शक्तिस्वरूपा बन दीदी जी कमेंट्री करने लगे... लेकिन उस समय सिर्फ वो शब्दों की कमेन्ट्री नहीं थी... लेकिन वो एक-एक शब्द शक्ति भरने वाला और हमारे इस बाबा मिलन को अदभुत बनाने बाला था... आज भी उस घड़ी और पल को याद करते हुए नैन सजल हो रहे है... और वो शब्द कानों में गुज रहे है... क्या दिन था वो एक ऐतिहासिक अदभुत बाबा मिलन... दीदी जी ने बोलना शुरू किया... लेकिन उस समय ये नहीं लग रहा था कि कौन बोल रहा है केवल उससे मिलने की आस, नैन बिछाएँ उसके इन्तजार में... आँखों से मोती जैसे बहार बन आने लगे... मैंने भी दिल से कहाँ बस मिलना ही है... आज हम मिले बिना नहीं रह सकते... उस कमेन्ट्री के शब्द कुछ ऐसे थे... स्थूल लाइट गई है... इसका मतलब ये नहीं बाबा नहीं आयेगे... बाबा आयेगे तुम भी लाइट हो अपनी ज्योति को जगाओ... तुम विश्व का अन्धकार मिटाने वाले हो... ना ये स्थूल लाइट, ना ये परिस्थितियाँ, न ये स्थान हमें हमारे बाबा से मिलने से रोक नहीं सकता... खबरदार यहाँ इस हाल में बैठे किसी ने ये संकल्प करियेट किया कि बाबा नहीं आ रहे है कैसे मिलेंगे... हम मिलेंगे और वो आयेगा... आज ये परीक्षा है हमारी आज जितने प्यार से बुलाना है बुलाओं उसको... उसने बादा किया है वो आयेगा... ये सुनते ही एक अलग ही प्रचड़ उर्जा कि प्रवाह होने लगा.... और निरंतर आँखों से मोती बहने लगे...
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💜चारों तरफ डेड साइलेंस थी... और हमें कुछ नहीं दिखाई दे रहा था सिर्फ बाबा के अलावा दिल को थामें अपनी आत्मिक समृति की लाइट जला बैठे हुए... अब आवाहन करना शुरू हुआ... ये दीदी जी ही कमेन्ट्री करा रहे थे... उस समय वो एक-एक पल हम बया नहीं कर सकते लिख कर हमारे लिए कैसा था... जिसका एक-एक दिन इन्तजार किया हो... उसे ही पुकारा हो उस से मिलने की ये घड़ियां कैसी होगी... कमेन्ट्री चल रही थी... हमें परमधाम जाकर बाबा को निमंत्रण देना था... उन्हें नीचे हाथ पकड़ कर लाना था...
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💖और उसके साथ नीचे आते खुद को देखना था... दीदी जी ने कहाँ आज जैसे बुलाना उसको लाना है लाओ... देखो सामने उसको कहों अब अपने दिल की बात... ये एक-एक पल मुझ आत्मा के लिए अद्वितीय है.... दिल पर गहरी छाप बनाए हुए है... हमें गयें बाबा के सामने अपना दिल खोलकर रख दिया... अब भी उस पल को याद कर रहे तो हमारा दिल भर आया है... और बाबा का हाथ पकड़ नीचे लाया... और चारों तरफ का वायुमंडल बेहद पावरफुल बन गया था... कमेंट्री चल ही रही थी...  फिर दीदी जी ने कहाँ देखों बाबा आ गये है उस दरवाजे पर खडे है... और बस सिर्फ अब एक-एक फरिशता अब उठेगा और बाबा का हाथ पकड़ अपने मीठे बाबा को यहाँ लेकर आयेगा... हम सब एक ही अवस्था में स्थिर एक लगन में बैठे थे... दीदी जी एक-एक को कहने लगे उठो और जाओ अपने मीठे बाबा को ले आओ इन्तजार अब खत्म हुआ.... कुछ आत्माएं उठी और वापिस आई फिर मुझ आत्मा का नमबर आया... फरिशता डृेस में, मैं आत्मा आगे बढने लगी... दरवाजा थोड़ी दूरी पर था...  बस देख रहे थे बाबा वहाँ खड़े है अब इन्तजार खत्म हुआ... जिससे मिलने को बेचैन हूँ... बस वो वहां है... एक-एक कदम दिल को थामें आगे बढाने लगे... हमें सिर्फ वो सामने दरवाजा दिख रहा था जहाँ बाबा है और कुछ नहीं... कमेंट्री भी चल रही थी चारों तरफ बे आवाज चुप्पी थी... दीदी जी कह रहे थे... जिसकों तुम पुकार रहे थे वो सामने है देखो... देखो वो भी बुला रहा है... उसे अपने साथ अन्दर लाओ... अपना दिल का हाल उसे ब्या करो... कह दो जो कहना है आज सिर्फ वो है और तुम जाओ इन्तजार के इन पलों को खत्म करो...
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💝जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचे... हमने भी अपना दिल खोलकर बाबा के सामने रख दिया...  हमनें अपने हाथ ऊपर उठाए... बाबा से गले लगने के लिए और हमारे पुरे शरीर में करट फैल गयी और हमें जोर-जोर रोने लगे और कहने लगे बाबा मीठे बाबा मेरे बाबा आप तो सच्च में आ गये... बाबा ने भी हमें गले लगाया और हमें छोटे से बच्चे की तरह सिसक-सिसक के रोये जा रहे थे गले लगकर कह रहे थे बाबा मैंने कब से आपका इन्तजार किया बाबा आपको बुलाया मीठे बाबा आप आ गये... बाबा हमें आपकी बहुत याद आई...  हमें कोई खबर नहीं रही थी कि हम कहां है... आस-पास कोई है या नहीं... ना देह का भान ना देह की दुनिया बस मैं और मेरा बाबा फिर हमने बाबा का हाथ पकड़ा और कमरे की तरफ आए बाबा को स्टेज पर बिटाने ले गये... दीदी ने दुसरी तरफ से हमारा हाथ पकडा और हमें भी स्टेज पर बिटा दिया... अब हम शांतमय पावरफुल भरपूर स्थिति में थे... अब दिल को चैन आया और  बाबा की करट महसूस कर रहे थे... और इस बाबा मिलन के अनुभव में खो गये थे... और तभी थोड़ी देर में लाइट आई बाबा सामने दृष्टि दे रहे थे... बात कर रहे थे... और हम बाबा को देखे जा रहे हम खुद को भूल गये थे... हम कहां है... बाबा से बार-बार करट मिल रही थी.... और हम वैसी ही उपराम अवस्था में थे यहाँ होते भी यहाँ नहीं थे उस दिन हमें महसूस ही नहीं हुआ कि हम जमीन पर पैर रख रहे है या नहीं... कौन साथ मे बैठा है क्या बोल रहा है... हमें कोई खबर नहीं... जैसे ना हमें कुछ सुनाई दे रहा था... ना कुछ दिखाई दे रहा था हम उसी मिलन के अनुभव में डूब गये थे... सुबह दीदी जी ने कलास में सबको अनुभव सुनाने के लिए सुबह कहाँ... ये बाबा मिलन हमारे लिए बेहद खूबसूरत और बहुत कुछ सीखाने वाला रहा... और दिल पर जैसे छप गया हैं... अभी इसे याद करते-करते एक बार फिर मैं आत्मा उन खुबसूरत पलों को जी रहे है
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💛मुझ आत्मा को उस दिन पक्का हो गया... न स्थान, न परिस्थितियाँ, न कोई साधन हमें बाबा से मिलन मनाने से नहीं रोक सकता है... कोई भी स्थान हो, कैसी भी परिस्थिति हो साधन हो या ना हो ये हमारा आधार ना हो... लेकिन हमारी स्थिति अच्छी हो मिलने की लगन हो तो हम कहीं भी कभी भी बाबा मिलन मना सकते है... उस दिन ड्रामा का पाठ भी बाबा ने पढाया ड्रामा कल्याणकारी है... अगर उस दिन लाइट ना जाती तो हम ये अव्यक मिलन का ऐसा wonderful experience नहीं कर पाते इससे आगे भी हमें बहुत हेल्प मिली जब कभी बीच में अनाऊस हुआ आज  दादी बीमार है बाबा ने आयेगे... तो हम निश्चित रहते है कहते है बाबा को तो आना ही है हमें अपनी स्थिति पर ध्यान देना है... बच्चे बुलाएं बाप ना आए ऐसा हो नहीं सकता... बाबा तो आते ही है... हमारे मीठे बाबा भी बच्चों बिना नहीं रह सकते... *वाह मेरा बाबा वाह शुक्रिया मीठे बाबा*

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💘 तुम मिले दिल खिलें🤗🌟 और जीने को क्या चाहिए..💘
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🤗 अभी ना जाओ छोडकर कर के दिल अभी भरा नहीं अभी-अभी तो आये हो बहार बन के छायें हो....☺☺☺
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🕊🤗🌟सबकुछ तो मिल गया है तुझे चाहने बाद अब और किसी से माँगु तुझें पाने के बाद....🕊🤗🌟

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