Sunday, 17 September 2017

बाबा से 7 सम्बन्धों का अनुभव: विशाल भैया

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💝 *पिछले सीजन में सेण्टर पर बाबा मिलन मनाते हुए बाबा ने इस तरह से मुझे सातों संबंधों का अनुभव करवाया :-*

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💛 *बाप के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 बाबा जब अवतरित हुए और बाबा ने *जब दृष्टी देनी शुरू की* तो बाबा बाप के सम्बन्ध से अनुभव हुए ... ऐसा अनुभव हुआ की *मेरा सच्चा सच्चा पिता अपना सब कुछ अपना सारा वर्सा मुझ आत्मा पर लुटा रहा है ।*

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💙 *टीचर के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 बाबा ने जब *मुरली चलानी शुरू की* तो बाबा टीचर के सम्बन्ध से अनुभव हुए और महसूस हुआ की *ज्ञान सूर्य बाबा* की किरणे मुझ आत्मा में प्रवेश कर रही हैं , मुझ आत्मा का *व्यर्थ जल कर भस्म* हो रहा है और मैं आत्मा ज्ञान स्वरुप बनती चली जा रही हूँ ।

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💜 *दोस्त के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 जब तीनो भाई बाबा को गुलदस्ता भेंट कर रहे थे तो अनुभव हो रहा था की वो *गुलदस्ता मैं भेंट कर रहा हूँ* और बाबा खुदा दोस्त के सम्बन्ध से अनुभव हो रहे थे । तब मैंने आपने खुदा दोस्त को *सारा लौकिक और अलौकिक समाचार सुनाया* और मेरे खुदा दोस्त ने मुझे *हर कार्य में साथ निभाने का अपना वायदा फिर से दोहराया ।*

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💚  *बच्चे के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 *जब बाबा बीच बीच में मस्ती कर रहे थे और नटखट बन बीच बीच में अपनी प्यार भरी शरारती बातों से सबको हंसा रहे थे,* तब बाबा बच्चे के सम्बन्ध से अनुभव हो रहे थे । और साथ ही साथ गर्व महसूस हो रहा था की *ऐसा "शिव बेटा" तो पूरी दुनिया में किसी और का नहीं ।* और मन ही मन ये संकल्प चल रहे थे की मेरे हर संकल्प , मेरी हर स्थूल और सूक्ष्म चीज़ पर मेरे शिव बेटे का अधिकार है । *सब कुछ उसी का है और वो मेरा है ।*

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❤ *माँ के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 दादी जी जब बाबा के बिलकुल पास बैठे थे तो ऐसा अनुभव हो रहा था की *वहां मैं बैठा हूँ और अपनी शिव माँ के आँचल की छाया में असीम सुख का अनुभव कर रहा हूँ ।* और दुनिया का सब कुछ भुलाकर अपनी माँ के साथ *लाडी लाडी कर रहा हूँ ।*

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💛 *साजन के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 दादी जी जब बाबा को भोग स्वीकार करवा रहे थे तो अनुभव हुआ *मैं सजनी अपने शिव साजन को भोग स्वीकार करवा रही हूँ और मेरा शिव साजन मुझे भोग स्वीकार करवा रहा है।*  बीच बीच में मैं शिव की सजनी बड़े ही आशिकाना अंदाज़ में *बाबा को जफ्फी डालकर,* अपनी बाहों में लेकर अपने सर से अपने *शिव साजन के सर पर टक्कर मार* चार चाँद लगा देती थी ।

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💚 *सतगुरु के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 बाबा जब लास्ट में दृष्टि दे रहे थे तो बाबा सतगुरु के सम्बन्ध से अनुभव हो रहे थे । बाबा मानो प्रेरणा दे रहे थे की "बच्चे, अब तीव्र पुरुषार्थ करो, अपने कदम तेजी से अपनी मंज़िल की और बढ़ाओ, *अब समय बहुत कम बचा है , अभी नहीं तो कभी नहीं"* ... बाबा कह रहे थे "बच्चे, यह *अव्यक्त पार्ट अब स्माप्ति की और है ....* अब तुम्हे न सिर्फ खुद जल्दी से जल्दी सम्पूर्ण बनना है बल्कि बाबा का राईट हैण्ड बन दूसरी आत्माओ को भी सम्पूर्ण बनाने में बाबा की मदद कर बाबा की पालना का रीटर्न देना है"

*इस तरह अव्यक्त मिलन में हुआ बाबा से सातों संबंधो का अनुभव ......*

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*अंत में जब यह गीत बजा, तो दिल भाव विभोर हो उठा....*

*धूप में कभी छाँव बनकर....*
*लहरों में कभी नांव बनकर....*
*मेरे बाबा हैं मेरे साथ....*
*मेरे बाबा हैं मेरे साथ....*

https://youtu.be/y-QAsMCv2_k

*आइये एक बार फिर से इस गीत को सुनते है... और डुबकी लगाते हैं अपने मीठे बाबा के प्यार के इस समुंदर में...*

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बी. के. विशाल भाई (सिरसा)

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