Saturday, 30 September 2017

Short cut k liye apps

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ॐ शांति Divine Souls 🙏🏻😊🌹

आप सभी नीचे दी गयी 2 apps को install कर इन्हें *अच्छे से operate करना* अवशय सीखें 🙏🏻😊

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⭕   https://play.google.com/store/apps/details?id=com.studio.quicksettings

⭕  https://play.google.com/store/apps/details?id=com.rootuninstaller.sidebar

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✨  इन दोनों apps को अच्छे से सीखने के बाद आपके लिए android mobiles को operate करना बहुत easy हो जाएगा

✨  आप इन apps में अलग अलग *whatsapp ग्रुप्स के shortcuts* भी create कर सकते हैं और आप उस shortcut पर press कर directly किसी भी whatsapp group में enter कर सकते हैं । इससे आपको कोई भी ग्रुप search नहीं करना पड़ेगा ।

✨  आप इन दोनों apps में ऐसे और भी *बहुत सारे features* देखेंगे....

✨  शायद आपको इन दोनों apps को सीखने में थोडा समय लगे पर *डटे रहिएगा* । एक बार इन दोनों apps को अच्छे से सीखने के बाद आपके लिए android mobiles को use करना एक अलग ही experience होगा ।

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Wednesday, 27 September 2017

आलस्य और अलबेलेपन पर सचिन भाई की क्लास के लिंक

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💥इस picture में कहे गए वाक्य को पढते ही हमे लगा बिलकुल सच ही तो है। हमे जिस तरह ऊंची स्थिति बनाने का नशा होना चाहिए उतना है नहीं, अगर हम चाहे तो इससे अधिक भी कर सकते है।

💥इतना ही नहीं हम जितना कर सकते है उससे अधिक भी करना चाहिए क्योंकि समय कितना थोडा है और प्राप्ति कितनी अधिक है, कार्य भी उतना ही अधिक करना रहा हुआ है।

💥हमारे अंदर के आलस्य और अलबेलेपन के संस्कार को बिल्कुल निकालने के लिए बापदादा ने *आलस्य और अलबेलेपन* के लिए बहुत सी बाते कही है, जिनकी स्पार्क की किताब भी बनी है जिसमे बापदादा के उन महावाक्यों का संगठन जो बाबा ने *आलस्य और अलबेलेपन* के लिए  कहे है। जिसे पढकर आलस्य को जड से निकालने का हम पुरा प्रयत्न करने लगेंगे।

💥 *आलस्य और अलबेलेपन*  की सचीन भाईजी के क्लासिस की series भी है जिसमे एक से बढ कर एक 1-70 classes है। हमने 20 तक सुना है।

💥इस क्लासिस मे भाईजी ने बापदादा के महावक्यो को पढकर मनन चिंतन करके और उनसे रिलेटेड कहानियां और शास्त्रो मे ज्ञान से रिलेटेड क्या समझाया गया है यह सब कहा हे जिसे सुनकर बेशक सबको अच्छा लगेगा।

💥इस लिंक से आपको बुक और क्लासिस मिल जाएंगे। 🌟👇🏻👇🏻👇🏻

http://www.bkdrluhar.com/00-htm/Aalsya%20and%20Albelapan%20%20Series.htm

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Friday, 22 September 2017

मीनू गर्ग बाबा मिलन

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❤ *प्रभु मिलन की अनमोल घड़ियां* ❤

❤मुझ आत्मा के लिए हर बाबा मिलन बहुत special  
है और अनमोल है... और हर बाबा मिलन अपने-आप में खास है... हर मिलन दिल पर छप जाने बाला है... लेकिन आज हम एक ऐसा बाबा मिलन शेयर करने जा रहे है... जो ना केवल हमारे लिए wonderful अनुभवों से भरपूर है... ब्लकि हमें इस बाबा मिलन से बहुत कुछ सीखने को भी मिला... जो कहें कई पाठ पक्के करा गया यू तो हमारा पहला बाबा मिलन हमारे लिए बेहद खास है... लेकिन आज हम wonderful अनुभवों से भरा अनुभव शेयर करने जा रहे है... हमें समय के according लगा यही शेयर करना चाहिए...
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💛ये बाबा मिलन 2015 के बाबा मिलन सीजन का पहला बाबा मिलन था... सभी की तरह हम भी बहुत उत्साहित थे इस बाबा मिलन के लिए ना जाने कब से इन्तजार कर रहे थे... कब बाबा आयेगे हम बाबा से मिलेंगे दृष्टि लेगें... लास्ट टाइम जब मिले थे तो बाबा को बोला था जल्दी आना जैसे-जैसे बाबा मिलन नजदीक आ रहा था और ही मिलने की तड़प बढ़ रही थी... रोज जब सेन्टर जाते बाहें फैलाए बाबा से गले लग जाते कहते मीठे बाबा आप जल्दी आओ हमें आपकी बहुत याद आ रही है... जैसे हम बाबा की तस्वीर को गले लगाते कहते बाबा आप जब आयेगे तो हमें ऐसे ही जादू की झपी देना... और खुब बातें करते... आखिर वह सुहावना ऐतिहासिक दिन  आ ही गया... एक-एक पल उसके इन्तजार में गुजर रहा था हमारे पांव जमी पर नहीं थे... उस दिन हमें लग रहा था हम उड़ रहे है... दिन में बार-बार बाबा का आवाहन किया... बाबा को लैटर लिखा.. गीत गाये... हम उस दिन खुशियों मे झूम रहे थे... बस एक-एक पल में मीठे बाबा के आने का इन्तजार और मन ही मन बहुत मीठी बातें कर रहे थे... और कह रहें थे बाबा आज तो आप हमें कुर्बान होने को कहो तो अभी हो जाये...
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💚दिन के समय उस दिन बहुत तुफान आया बारिश हुई... और तूफान बारिश लगी रही... शाम पांच बजे तक हम सेन्टर पँहुच गयें थे... लेकिन तूफान बारिश के कारण लाइट नहीं थी...
और भाई-बहने भी सेन्टर पर आ गये थे... बाहर तूफान बैसा ही था उस समय हमारे सेन्टर के दो दीदीयाँ मधुबन बाबा मिलन में चले गये थे एक ही दीदी जी थे सेन्टर पर... लाइट तो थी नहीं तो हम सभी योग करने बैठ गये... दीदी जी ने हमें कहाँ कमेंट्री कराओ... हमनें कमेन्ट्री की थोड़ी देर जैसे-जैसे समय बीत रहा था मिलने की तड़प बढ़ रही थी... नैन सजल हो रहे थे... रिसपॉन्स में हमें भी बाबा से बार-बार करंट मिल रही थी... बस अब केवल उसके आने का इन्तजार था नयन सिर्फ उसकी एक झलक पाने को बेचैन थे... लास्ट बाबा मिलन की वो यादें बार-बार आँखों के सामने आ रही थी बस कब बाबा आए दृष्टि दे... समय बीतता गया... पर लाइट नहीं आई  नुमाशाम का समय हो गया...
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💙तभी दीदी स्टेज पर आये इससे पहले की अन्दर से किसी के संकल्प चलते कि अब क्या होगा, बाबा मिलन कैसे होगा या लाइट कब आयेगी या दिलशिकस्त होते... उस से पहले शक्तिस्वरूपा बन दीदी जी कमेंट्री करने लगे... लेकिन उस समय सिर्फ वो शब्दों की कमेन्ट्री नहीं थी... लेकिन वो एक-एक शब्द शक्ति भरने वाला और हमारे इस बाबा मिलन को अदभुत बनाने बाला था... आज भी उस घड़ी और पल को याद करते हुए नैन सजल हो रहे है... और वो शब्द कानों में गुज रहे है... क्या दिन था वो एक ऐतिहासिक अदभुत बाबा मिलन... दीदी जी ने बोलना शुरू किया... लेकिन उस समय ये नहीं लग रहा था कि कौन बोल रहा है केवल उससे मिलने की आस, नैन बिछाएँ उसके इन्तजार में... आँखों से मोती जैसे बहार बन आने लगे... मैंने भी दिल से कहाँ बस मिलना ही है... आज हम मिले बिना नहीं रह सकते... उस कमेन्ट्री के शब्द कुछ ऐसे थे... स्थूल लाइट गई है... इसका मतलब ये नहीं बाबा नहीं आयेगे... बाबा आयेगे तुम भी लाइट हो अपनी ज्योति को जगाओ... तुम विश्व का अन्धकार मिटाने वाले हो... ना ये स्थूल लाइट, ना ये परिस्थितियाँ, न ये स्थान हमें हमारे बाबा से मिलने से रोक नहीं सकता... खबरदार यहाँ इस हाल में बैठे किसी ने ये संकल्प करियेट किया कि बाबा नहीं आ रहे है कैसे मिलेंगे... हम मिलेंगे और वो आयेगा... आज ये परीक्षा है हमारी आज जितने प्यार से बुलाना है बुलाओं उसको... उसने बादा किया है वो आयेगा... ये सुनते ही एक अलग ही प्रचड़ उर्जा कि प्रवाह होने लगा.... और निरंतर आँखों से मोती बहने लगे...
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💜चारों तरफ डेड साइलेंस थी... और हमें कुछ नहीं दिखाई दे रहा था सिर्फ बाबा के अलावा दिल को थामें अपनी आत्मिक समृति की लाइट जला बैठे हुए... अब आवाहन करना शुरू हुआ... ये दीदी जी ही कमेन्ट्री करा रहे थे... उस समय वो एक-एक पल हम बया नहीं कर सकते लिख कर हमारे लिए कैसा था... जिसका एक-एक दिन इन्तजार किया हो... उसे ही पुकारा हो उस से मिलने की ये घड़ियां कैसी होगी... कमेन्ट्री चल रही थी... हमें परमधाम जाकर बाबा को निमंत्रण देना था... उन्हें नीचे हाथ पकड़ कर लाना था...
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💖और उसके साथ नीचे आते खुद को देखना था... दीदी जी ने कहाँ आज जैसे बुलाना उसको लाना है लाओ... देखो सामने उसको कहों अब अपने दिल की बात... ये एक-एक पल मुझ आत्मा के लिए अद्वितीय है.... दिल पर गहरी छाप बनाए हुए है... हमें गयें बाबा के सामने अपना दिल खोलकर रख दिया... अब भी उस पल को याद कर रहे तो हमारा दिल भर आया है... और बाबा का हाथ पकड़ नीचे लाया... और चारों तरफ का वायुमंडल बेहद पावरफुल बन गया था... कमेंट्री चल ही रही थी...  फिर दीदी जी ने कहाँ देखों बाबा आ गये है उस दरवाजे पर खडे है... और बस सिर्फ अब एक-एक फरिशता अब उठेगा और बाबा का हाथ पकड़ अपने मीठे बाबा को यहाँ लेकर आयेगा... हम सब एक ही अवस्था में स्थिर एक लगन में बैठे थे... दीदी जी एक-एक को कहने लगे उठो और जाओ अपने मीठे बाबा को ले आओ इन्तजार अब खत्म हुआ.... कुछ आत्माएं उठी और वापिस आई फिर मुझ आत्मा का नमबर आया... फरिशता डृेस में, मैं आत्मा आगे बढने लगी... दरवाजा थोड़ी दूरी पर था...  बस देख रहे थे बाबा वहाँ खड़े है अब इन्तजार खत्म हुआ... जिससे मिलने को बेचैन हूँ... बस वो वहां है... एक-एक कदम दिल को थामें आगे बढाने लगे... हमें सिर्फ वो सामने दरवाजा दिख रहा था जहाँ बाबा है और कुछ नहीं... कमेंट्री भी चल रही थी चारों तरफ बे आवाज चुप्पी थी... दीदी जी कह रहे थे... जिसकों तुम पुकार रहे थे वो सामने है देखो... देखो वो भी बुला रहा है... उसे अपने साथ अन्दर लाओ... अपना दिल का हाल उसे ब्या करो... कह दो जो कहना है आज सिर्फ वो है और तुम जाओ इन्तजार के इन पलों को खत्म करो...
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💝जैसे ही दरवाजे के पास पहुंचे... हमने भी अपना दिल खोलकर बाबा के सामने रख दिया...  हमनें अपने हाथ ऊपर उठाए... बाबा से गले लगने के लिए और हमारे पुरे शरीर में करट फैल गयी और हमें जोर-जोर रोने लगे और कहने लगे बाबा मीठे बाबा मेरे बाबा आप तो सच्च में आ गये... बाबा ने भी हमें गले लगाया और हमें छोटे से बच्चे की तरह सिसक-सिसक के रोये जा रहे थे गले लगकर कह रहे थे बाबा मैंने कब से आपका इन्तजार किया बाबा आपको बुलाया मीठे बाबा आप आ गये... बाबा हमें आपकी बहुत याद आई...  हमें कोई खबर नहीं रही थी कि हम कहां है... आस-पास कोई है या नहीं... ना देह का भान ना देह की दुनिया बस मैं और मेरा बाबा फिर हमने बाबा का हाथ पकड़ा और कमरे की तरफ आए बाबा को स्टेज पर बिटाने ले गये... दीदी ने दुसरी तरफ से हमारा हाथ पकडा और हमें भी स्टेज पर बिटा दिया... अब हम शांतमय पावरफुल भरपूर स्थिति में थे... अब दिल को चैन आया और  बाबा की करट महसूस कर रहे थे... और इस बाबा मिलन के अनुभव में खो गये थे... और तभी थोड़ी देर में लाइट आई बाबा सामने दृष्टि दे रहे थे... बात कर रहे थे... और हम बाबा को देखे जा रहे हम खुद को भूल गये थे... हम कहां है... बाबा से बार-बार करट मिल रही थी.... और हम वैसी ही उपराम अवस्था में थे यहाँ होते भी यहाँ नहीं थे उस दिन हमें महसूस ही नहीं हुआ कि हम जमीन पर पैर रख रहे है या नहीं... कौन साथ मे बैठा है क्या बोल रहा है... हमें कोई खबर नहीं... जैसे ना हमें कुछ सुनाई दे रहा था... ना कुछ दिखाई दे रहा था हम उसी मिलन के अनुभव में डूब गये थे... सुबह दीदी जी ने कलास में सबको अनुभव सुनाने के लिए सुबह कहाँ... ये बाबा मिलन हमारे लिए बेहद खूबसूरत और बहुत कुछ सीखाने वाला रहा... और दिल पर जैसे छप गया हैं... अभी इसे याद करते-करते एक बार फिर मैं आत्मा उन खुबसूरत पलों को जी रहे है
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💛मुझ आत्मा को उस दिन पक्का हो गया... न स्थान, न परिस्थितियाँ, न कोई साधन हमें बाबा से मिलन मनाने से नहीं रोक सकता है... कोई भी स्थान हो, कैसी भी परिस्थिति हो साधन हो या ना हो ये हमारा आधार ना हो... लेकिन हमारी स्थिति अच्छी हो मिलने की लगन हो तो हम कहीं भी कभी भी बाबा मिलन मना सकते है... उस दिन ड्रामा का पाठ भी बाबा ने पढाया ड्रामा कल्याणकारी है... अगर उस दिन लाइट ना जाती तो हम ये अव्यक मिलन का ऐसा wonderful experience नहीं कर पाते इससे आगे भी हमें बहुत हेल्प मिली जब कभी बीच में अनाऊस हुआ आज  दादी बीमार है बाबा ने आयेगे... तो हम निश्चित रहते है कहते है बाबा को तो आना ही है हमें अपनी स्थिति पर ध्यान देना है... बच्चे बुलाएं बाप ना आए ऐसा हो नहीं सकता... बाबा तो आते ही है... हमारे मीठे बाबा भी बच्चों बिना नहीं रह सकते... *वाह मेरा बाबा वाह शुक्रिया मीठे बाबा*

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💘 तुम मिले दिल खिलें🤗🌟 और जीने को क्या चाहिए..💘
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🤗 अभी ना जाओ छोडकर कर के दिल अभी भरा नहीं अभी-अभी तो आये हो बहार बन के छायें हो....☺☺☺
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🕊🤗🌟सबकुछ तो मिल गया है तुझे चाहने बाद अब और किसी से माँगु तुझें पाने के बाद....🕊🤗🌟

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योग लगने की गारंटी

जो भाई-बहनें बाबा से योग ना लगने की complain
करते हैं, हम उनको दे रहे हैं योग लगने की गारण्टी...यदि वो नीचे लिखी शर्तें पूरी करते हैं तो:-
01) दिन में कम-से-कम एक बार खुद का खाना खुद बनाना।
02) तीनों Time अपने बर्तन खुद धोना।
03) बाबा के यज्ञ के लिए एक दिन में कम-से-कम 1 रूपया यानि महीने के 31 रूपये जरूर निकालना।
04) Daily किसी को भी गीता ज्ञान का कम-से-कम 1 प्वाँईन्ट जरूर सुनाना।
05) आज तक किए हुए सभी पापों की list कोरे कागज पर लिखकर बाबा को सौंप देना ।
06) दिल से साफ-साफ लिख देना कि बाबा मेरे पास जो भी cash or property है....सब अब आपका है...आप जैसे भी चाहो...इसको use करो।
07) किसी की भावनाओ को स्वप्न में भी दु:ख नहीं देना।
08) आज से ही उन सभी को दिल से माफ कर देना जिनकी वजह से मेरी आत्मा को दु:ख पहुँचा और उन सभी से (बाबा को सामने देखते हुए) सच्चे मन से माफी माँग लेना जिनको मैंने दु:ख दिया।
09) टीवी...अखबार बिल्कुल बन्द।
10) सिम्पल Dress.
11) AC का प्रयोग बन्द।
12) बाजार की मिठाई या तली-फली चीजें बैन।
13) खाली समय पर ज्ञान की books पढ़ना।
14) एक दिन भी मुरली Miss नहीं करना।
15) डायरी पर दिन में कम-से-कम 16 बार लिखकर किसी-न-किसी स्वमान का अभ्यास for-ever करते रहना।
16) बाबा से कभी-भी होशियारी नहीं करना।
इन सभी Points पर खरे उतर जाओ बस...जिनका योग नहीं लगता....वो उड़ने लगेंगे और जिनका Already लगता है....वो सम्पूर्ण बन जाँएगे।
इन Points को अच्छी रीति follow करने पर हम सबकी अमृतवेला miss होने की सबसे बड़ी कम्पलेन समाप्त हो जाएगी।

Monday, 18 September 2017

अनुभव एकता बहन पवित्रता का राखी का

[9/18, 4:13 PM] ‪+91 82089 70813‬: 🏵🎁 👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁🏵

🎯 छोटा सा अनुभव:-

🏵 *राखी का अनुपम उपहार दिया बाबा ने*

🏵 रक्षाबन्दन के दिन सभी लौकिक और अलौकिक सेवाओ में ज्यादा बिजी होते ही हैं। हम भी हमेशा की तरह लौकिक मेहमानों से घिरे हुए थे। सुबह- सुबह मीटिंग होने के वजह से भाई( लौकिक पति/ युगल) सेंटर पर दीदी से राखी बाँधने नही चल सके।

🏵 और वो फुल्ल डे बिजी रहेंगे ये भी हमे पता था। पर मुझे  भाई को राखी तो बंधवानी ही थी। बस बाबा को बोला :- बाबा आपकी राखी भाई के हाथ मे बांधनी ही है। उन्हें सेंटर पर तो लेकर जाना ही हैं। लौकिक राखी चाहे कितनी भी बाँध ले।

🏵 बाबा को जिम्मेदारी सौपकर किचन में लग गए सेवा के लिये। और करीब 11:30 बजे  भाई अचानक घर पे आ गये और *दीदी ओ दीदी* बुलाने लगे।
घर मे तो लौकिक बेटे और मैं ही थे फिर मैंने महसूस किया वो मुझे ही *दीदी*कहकर बुला रहे हैं। फिर क्या खुशी से फुल कर भागी भागी ड्रॉइंग रूम में गये।

🏵 भाई के हाथ मे बाबा की राखी थी।
मुझे बोले मैं आज फुल्ल दे बिजी हूँ। अभी लौकिक बहन और बाकी के भी रिश्तेदार आ रहे है। उन्हें भी समय देना पड़ेगा।

🏵तो अब तुम मेरी *दीदी हो , बहन हो।* ये राखी ऑफिस में दीदी ने भेजी थी। अब तू ही इसे बाँध मेरे हाथ में।

मेरी आँखें तो ....👀👀... बस और क्या चाहिए बाबा .....यही तो पवित्रता के बल का फल मिल गया।

🏵हमने उन्हें विनाशी-अविनाशी टिका लगाया और राखी भी बाँधी। (बाबा से दिल मे कहा :- बाबा जल्दी से आप फ़ोटो निकालो। इसे सेवा के लिए use करेँगे)
भाई ने वो संकल्प कैच किये और छोटे बेटे रको बुलाया की फ़ोटो निकालो। लेकिन वादा करो कि आप ये बात किसी को भी नही बताओगे, नाही फ़ोटो दिखाओगे।

हम दोनों ने वादा किया। फोटोज भी निकाले इस पवित्र संगमयुगी रक्षाबन्दन के पर्व का।
(दो दिन के बाद सेंटर की दीदी जी ने भी फोन करके भाई को खास बुलाया और राखी बाँधी)

🏵लौकिक पति ने *दीदी कहा, राखी बंधवाई, और कभी अपवित्रता के बारेमे सोचेंगे भी नही ये वादा भी किया....*

🏵 *है ना ये अनुपम उपहार बाबा का* ❓❓❓🙏🏻😊🙏🏻

🏵🎁👑🎁👑🎁👑🎁🎁👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁👑🎁 🏵
[9/18, 4:13 PM] ‪+91 82089 70813‬: 🔰⚜🔰⚜🔰⚜⚜🔰⚜🔰⚜🔰

ॐ शांति Divine Souls 🙏🏻😊

आप ईश्वरीय परिवार में कोई भी पोस्ट send करते हुए, आप उस पोस्ट के प्रति अपना दृष्टिकोण नीचे लिखी गए निमनलिखित प्रश्नो में से कोई भी 2-3 प्रश्न explain कर कर सकते हैं :-

🔰  *आपने क्या सीखा ?*

💎 *की प्राण जाये पर वचन न जाये।*

🔰  *आपने क्या क्या दृढ़ संकल्प किये ?*

💎 इस संगमयुग के अंत तक पवित्रता की राखी बाँधकर ही रखूँगी और औरो को भी पवित्र बनने में सहयोग दूँगी।

🔰  *आपको क्या अनुभव हुआ ?*

💎 पवित्रता ही सुख और शांति की जननी हैं। इस बात को गहराई से अनुभव किया।

🔰  *आपने किस तरह की मानसिक अवस्था को महसूस किया ?*

💎 बहोत बड़े ते बड़े पापकर्म से मुक्ति की स्थिति को अनुभव किया। बहोत हल्कापन...इस पवित्रता के बल से ही बाबा से सम्बंद घनिष्ट हो जाते है।

🔰  *अब आप स्वयं में क्या परिवर्तन लाना चाहते हैं ?*

💎 कोई अपवित्र संकल्प भी नही करना चाहती हूँ। *अपविता* इस शब्द को भूल मेरी *वृति, स्थिति,कृति,चाल-चलन* में पवित्रता की रॉयल्टी हो।

🔰  *ईश्वरीय परिवार के बाकी सदस्यों को यह पोस्ट क्यों पड़नी चाहिए ?*

💎 खास विनंती माताओं से और जो घर गृहस्ती में रहते है उनसे:- पवित्रता हम आत्माओं का स्वधर्म हैं। सतयुगी बादशाही पवित्रता के बल पर ही मिलेगी। बस हमे सिर्फ अपने संकल्पो को दृढ़ कर हिम्मत करनी है तो बाबा अपने आप मदद के साथ -साथ बल भी देता है। अगर किसी मे राक्षसी वृति या अपवित्रता के संकल्प आते है तो उसके लिए जिम्मेवार हम स्वयं होते हैं। हमने ही पहले उस आत्मा को अपवित्र बनाया है, वो राक्षसी वृति जगाई है। तो आज इस गृह्य बात को गहराई तक समझकर सामने वाली आत्मा को पवित्र बनाने की कोशिश करनी ही चाहिये। सफलता मिलेगी ही।

🔰  *हमें इस पोस्ट में लिखी गयी शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने के लिए क्या विधि अपनानी चाहिए ?*

💎 सबको पवित्रता की दृष्टि से देखना।

🔰  *इन शिक्षाओं को धारण करने के लिए आप विशेष रूप से क्या योग अभ्यास करेंगे ?*

💎 मैं परम पवित्र आत्मा/ फ़रिश्ता पवित्रता के सागर से पवित्रता की किरणे प्राप्त कर सारे विश्व मे दिन में 5-7 बार फैलाऊंगी। और अगर कोई सम्बंद-संपर्क में कोई ऐसा है तो उसे खास 10 min के लिए कुछ दिन तक सकाश देकर परिवर्तित करने की कोशिश करूँगी।

🔰  *इन शिक्षाओं को धारण करने के लिए आप विशेष रूप से किस स्वमान का अभ्यास करेंगे और किस प्रकार से कर्मयोग करेंगे ?*

💎  ⭐मैं परम पवित्र आत्मा हूँ।
⭐ मैं पवित्रता का फ़रिश्ता हूँ।

⭐ आत्मा बनकर आत्मा को देखने का अभ्यास कर्मणा में करना है। और साक्षी दृष्टा होकर अपवित्रता को पवित्रता में परिवर्तित करना है।

🔰  *अब आप अपने डेली चार्ट में किस एक पॉइंट को add करने जा रहे हैं ?*

💎 हर आत्मा को पवित्रता की दृष्टि से देखना।

🔰  *इन शिक्षाओं की प्रैक्टिकल धारणा का सबूत आपने यज्ञ की किस आत्मा में किस प्रकार से देखी ?*

💎 ⭐जानकी दादी जी जो आज अपने गृहस्थ जीवन को भूल चुकी हैं। उनकी पवित्र दृष्टि ही उनके पवित्रता के बल को बयान करता हैं।

⭐ सिस्टर शिवानी घर -गृहस्ती में रहकर उनके स्पीच आज बेहद की आत्माओ को परिवर्तित कर देते है। ज्ञान का तीर धारनायुक्त पवित्रता के बल से ही लगता है।

🔰⚜🔰⚜🔰⚜⚜🔰⚜🔰⚜🔰

Bk दादियों के स्लोगन

🌹सम्पूर्णता को पाने के लिए यह बोल सदा हमारे कानों में गूंजते रहे🌹

👆निराकारी निरहंकारी निर्विकारी
----ब्रह्मा बाबा

⏳हर घड़ी अंतिम घड़ी
---- मम्मा

🕊अब घर जाना है
---- बड़ी  दीदी मनमोहिनी

💫अब कर्मातीत बनना है   -दादी प्रकाशमणि

☃ये प्रभु लीला चल रही है
----दादी जानकीजी

🌟में माना में आत्मा, मेरा माना मेरा बाबा
----दादी गुलज़ार

✊एक बल एक भरोसा।
----भ्राता जगदीशचंद्रजी (संजय)

Sunday, 17 September 2017

बाबा से 7 सम्बन्धों का अनुभव: विशाल भैया

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💝 *पिछले सीजन में सेण्टर पर बाबा मिलन मनाते हुए बाबा ने इस तरह से मुझे सातों संबंधों का अनुभव करवाया :-*

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💛 *बाप के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 बाबा जब अवतरित हुए और बाबा ने *जब दृष्टी देनी शुरू की* तो बाबा बाप के सम्बन्ध से अनुभव हुए ... ऐसा अनुभव हुआ की *मेरा सच्चा सच्चा पिता अपना सब कुछ अपना सारा वर्सा मुझ आत्मा पर लुटा रहा है ।*

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💙 *टीचर के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 बाबा ने जब *मुरली चलानी शुरू की* तो बाबा टीचर के सम्बन्ध से अनुभव हुए और महसूस हुआ की *ज्ञान सूर्य बाबा* की किरणे मुझ आत्मा में प्रवेश कर रही हैं , मुझ आत्मा का *व्यर्थ जल कर भस्म* हो रहा है और मैं आत्मा ज्ञान स्वरुप बनती चली जा रही हूँ ।

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💜 *दोस्त के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 जब तीनो भाई बाबा को गुलदस्ता भेंट कर रहे थे तो अनुभव हो रहा था की वो *गुलदस्ता मैं भेंट कर रहा हूँ* और बाबा खुदा दोस्त के सम्बन्ध से अनुभव हो रहे थे । तब मैंने आपने खुदा दोस्त को *सारा लौकिक और अलौकिक समाचार सुनाया* और मेरे खुदा दोस्त ने मुझे *हर कार्य में साथ निभाने का अपना वायदा फिर से दोहराया ।*

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💚  *बच्चे के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 *जब बाबा बीच बीच में मस्ती कर रहे थे और नटखट बन बीच बीच में अपनी प्यार भरी शरारती बातों से सबको हंसा रहे थे,* तब बाबा बच्चे के सम्बन्ध से अनुभव हो रहे थे । और साथ ही साथ गर्व महसूस हो रहा था की *ऐसा "शिव बेटा" तो पूरी दुनिया में किसी और का नहीं ।* और मन ही मन ये संकल्प चल रहे थे की मेरे हर संकल्प , मेरी हर स्थूल और सूक्ष्म चीज़ पर मेरे शिव बेटे का अधिकार है । *सब कुछ उसी का है और वो मेरा है ।*

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❤ *माँ के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 दादी जी जब बाबा के बिलकुल पास बैठे थे तो ऐसा अनुभव हो रहा था की *वहां मैं बैठा हूँ और अपनी शिव माँ के आँचल की छाया में असीम सुख का अनुभव कर रहा हूँ ।* और दुनिया का सब कुछ भुलाकर अपनी माँ के साथ *लाडी लाडी कर रहा हूँ ।*

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💛 *साजन के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 दादी जी जब बाबा को भोग स्वीकार करवा रहे थे तो अनुभव हुआ *मैं सजनी अपने शिव साजन को भोग स्वीकार करवा रही हूँ और मेरा शिव साजन मुझे भोग स्वीकार करवा रहा है।*  बीच बीच में मैं शिव की सजनी बड़े ही आशिकाना अंदाज़ में *बाबा को जफ्फी डालकर,* अपनी बाहों में लेकर अपने सर से अपने *शिव साजन के सर पर टक्कर मार* चार चाँद लगा देती थी ।

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💚 *सतगुरु के सम्बन्ध का अनुभव*

💞 बाबा जब लास्ट में दृष्टि दे रहे थे तो बाबा सतगुरु के सम्बन्ध से अनुभव हो रहे थे । बाबा मानो प्रेरणा दे रहे थे की "बच्चे, अब तीव्र पुरुषार्थ करो, अपने कदम तेजी से अपनी मंज़िल की और बढ़ाओ, *अब समय बहुत कम बचा है , अभी नहीं तो कभी नहीं"* ... बाबा कह रहे थे "बच्चे, यह *अव्यक्त पार्ट अब स्माप्ति की और है ....* अब तुम्हे न सिर्फ खुद जल्दी से जल्दी सम्पूर्ण बनना है बल्कि बाबा का राईट हैण्ड बन दूसरी आत्माओ को भी सम्पूर्ण बनाने में बाबा की मदद कर बाबा की पालना का रीटर्न देना है"

*इस तरह अव्यक्त मिलन में हुआ बाबा से सातों संबंधो का अनुभव ......*

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*अंत में जब यह गीत बजा, तो दिल भाव विभोर हो उठा....*

*धूप में कभी छाँव बनकर....*
*लहरों में कभी नांव बनकर....*
*मेरे बाबा हैं मेरे साथ....*
*मेरे बाबा हैं मेरे साथ....*

https://youtu.be/y-QAsMCv2_k

*आइये एक बार फिर से इस गीत को सुनते है... और डुबकी लगाते हैं अपने मीठे बाबा के प्यार के इस समुंदर में...*

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बी. के. विशाल भाई (सिरसा)