[23/03, 08:29] Vishal bhaiya: ━○━━○━━○━━
TOTAL MARKS :- 200
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【1】 सुबह उठते ही तुरंत 5 मिनट स्वमान में स्थित होकर बाबा को गुड मॉर्निंग की ?
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【2】 शक्तिशाली अमृत्वेला अच्छी तरह से किया ?
↜15 marks↝
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【3】 सेण्टर में मुरली अच्छी तरह से एकाग्र होकर आत्मिक स्वरुप में स्थित होकर सुनी ?
↜15 marks↝
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【4】 दिन भर में कम से कम 8 बार traffic control अच्छी तरह से किया ?
( आप इस समय 5 स्वरूपों का अभ्यास भी कर सकते हैं )
↜15 marks↝
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【5】 खाना खाते वक़्त और पानी पीते वक़्त बाबा की निरंतर याद अच्छी तरह से बनी रही ?
↜15 marks↝
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【6】 नुमा शाम का योग शक्तिशाली अवस्था में अच्छी तरह से हुआ ?
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【7】 एक घंटा class / manan / अव्यक्त वाणी ?
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【8】 रात्रि को सोने से पहले 15 मिनट बाबा को याद किया ?
↜5 marks↝
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【9】 *रोज़ाना के मुरली चार्ट के भिन्न भिन्न पॉइंट्स पर आधारित*
*variery कर्मयोग / स्वमान / मनन / मनसा सेवा :-*
7 AM TO 10 AM
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10 AM TO 1 PM
↜10 marks↝
1 PM TO 4 PM
↜10 marks↝
4 PM TO 6:30 PM
↜10 marks↝
7:30 PM TO 10 PM
↜10 marks↝
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【10】 *इस पॉइंट में मैं डेली नीचे 👇🏻👇🏻👇🏻दिए गए 9 पॉइंट्स में से कोई एक पॉइंट चुनिए।*
↜50 marks↝
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[23/03, 08:30] Vishal bhaiya: ━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━━
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1. आत्मिक दृष्टि का अभ्यास
√ दूसरों को आत्मा देखने का अभ्यास किया ?
√ आत्मा भाई भाई की दृष्टि रही ?
√ "हर आत्मा अपना पार्ट एक्यूरेट बजा रही है"- यह अभ्यास किया ?
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2. मेरा तो एक शिव बाबा... दूसरा न कोई
√ किसी भी देहधारी से किसी भी सम्बन्ध की अनुभूति तो नहीं की ?
√ किसी भी देहधारी के प्रति संकल्पों में क्षणिक मात्र भी आकर्षण तो नहीं हुआ ?
√ किसी भी देहधारी में बुधी तो नहीं फंसी ?
√ देह के संबंधो से अनासक्त होकर रहे ?
√ न्यारे और प्यारे होकर रहे ?
√ एक बाबा के साथ सर्व सबंधो की अनुभूति कर सर्व संबंधो की मर्यादाओं को बाबा से निभाया ?
√ "एक बल एक भरोसा" के आधार पर आगे बड़े ?
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3. शुभ भावना, शुभ कामना
√ सर्व आत्माओं के प्रति शुभ भावना, शुभ कामना और क्षमाभाव बनाये रखा ?
√ सर्व आत्माओं की विशेषता को देखा ?
√ सर्व आत्माओं को दुआएं दी ?
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4. दूसरों को न देखना
√ परचिन्तन, परदर्शन तो नहीं किया ?
√ किसी भी आत्मा के अवगुणो को तो नहीं देखा ?
√ किसी की निंदा ग्लानी न की न सुनी ?
√ किसी की निंदा व ग्लानि को संकल्पों में भी स्वीकार तो नहीं किया ?
√ "सुनते हुए भी न सुनना और देखते हुए भी न देखना" - यह अभ्यास किया ?
√ होलीहंस बनकर रहे ?
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5. निमित भाव
√ ट्रस्टी बनकर रहे ?
√ करन-करावनहार की स्मृति बनी रही ?
√ अपनी सभी विशेषताओं को प्रभु प्रसाद माना ?
√ मैं और मेरापन तो नहीं आया ?
√ नाम मान शान का त्याग किया ?
√ अपनी महिमा को स्वीकार न कर बाबा को अर्पित किया ?
√ बोल और कर्म में निर्माणता, विनम्रता , निरहंकारिता, शांत स्वभाव , मिठास बनी रही ?
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6. फुल स्टॉप लगाने का अभ्यास
√ वयर्थ चिंतन तो नहीं चलाया ?
√ व्यर्थ बातों में बुधी को उलझाया तो नहीं ?
√ झरमुई झगमुई तो नहीं की ?
√ बीती को बीती किया ?
√ ड्रामा की स्मृति से अवस्था अचल अडोल रही ?
√ बीती को फुल स्टॉप लगाया ?
√ भविष्य की चिता तो नहीं की ?
√ सर्व चिंताएं बाबा को दी ?
√ बेफिक्र बादशाह बनकर रहे ?
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7. बेहद की अवस्था
√ बेहद की स्थिति में रहे ?
√ अशरीरी अवस्था बनी रही ?
√ बेहद के वैरागी बनकर रहे ?
√ उपराम अवस्था रही ?
√ देह, देह की दुनिया और देह के पदार्थो के प्रति कोई आकर्षण तो नहीं हुआ ?
√ साक्षिपन की सीट पर सेट रहे ?
√ इस कलयुगी दुनिया से अनासक्त रहे ?
√ "यह पुरानी दुनिया अब विनाश होनी है" - यह स्मृति में रहा ?
√ खुद को इस धरा पर मेहमान समझकर रहे ?
√ "अब घर जाना है" - यह स्मृति में रहा ?
√ प्रवृति में रहते कमल पुष्प समान न्यारे और बाप के प्यारे बनकर रहे ?
√ कर्म करते हुए भी कर्म के प्रभाव से दूर रहे ?
√ कर्म बंधन में न आ कर्म सम्बन्ध में आये ?
√ "मैं आत्मा इस धरा पर विश्व कल्याण के कार्य के लिए अवतरित हुई हूँ" - यही स्मृति बनी रही ?
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8. बाबा से रुहरिहान
√ बाबा से विशेष सम्बन्ध(माँ, बाप, टीचर, सतगुरु, दोस्त, साजन,बच्चा) जोड़कर हर बात को बाबा से शेयर किया ?
√ बाबा को सब समाचार सुनाया ?
√ मन को हुई हर सुखद अनुभूति के लिए बाबा को दिल से थैंक्स कहा ?
√ मन को हुए किसी भी दुखद अनुभव को बाबा को अर्पित कर खुद को हल्का किया ?
√ अपना हर कर्म बाबा को अर्पित किया ?
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9. मन और बुधी से निर्बंधन अवस्था का अनुभव
√ स्वमान और योगबल के अभ्यास से मन और बुधी के बंधन समाप्प्त किये ?
√ बुधी को सताने वाले नकारत्मक और व्यर्थ संकल्पों रुपी विघ्नों को स्वमान और योगबल से विनाश किया ?
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