(Episode 5)
प्रश्न 17. ज्ञान और योग में क्या अंतर है ?
प्रश्न 18. मैं एक कुमार हूं, मेरी पवित्रता अच्छी नहीं है, मैं इंटरनेट का आदी अडिक्टड हो गया हूं, नेगेटिव साइटस मेरी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं, कभी कभी अपने आप पर शर्म भी आती है, इस कारण Center भी जाना छोङ दिया । बहुत समय से Center भी नही गया हु । अब जाने मे शरम आाती है। फिर भी month मे 1 बार चला जाता हु । बाबा को बताके फिर गलत काम मे लग जाता हु । यह दो साल से हो रहा है। मैं पवित्र बनना चाहता हूं लेकिन फिर गलत कदम उठा लेता हूं, लौकिक पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पाती। बस माया से लड़ाई करके हार गया हूं, यही जीवन बना गया है। मैं स्वयं को नियंत्रित नहीं कर पाता हूं। अनावश्यक रूप से, कई बार लगता है कि मेरे से कहीं कोई गलत कार्य न हो जाये, मैं स्वयं को सुरक्षित कैसे रखूं? और मुझे मूलधार चक्र के बार में भी बताए जीं ।
प्रश्न 19. हम अपने योग को शक्तिशाली कैसे बनाएं?
सारे दिन में स्वयं की स्थिति को शक्तिशाली कैसे बनाकर रखें?
3) Please reflect on Manthan? My understanding is that manthan would involve personal interpretation on topics of chintan.
Whether it is in alignment with Gods interpretation how does one judge?
Looking forward to the answers
प्रश्न 20. मैं बी टेक का स्टूडेंट हूं, समयानुसार मुझे लगता है कि पुरुषार्थ और तीव्र करूं, लेकिन जब पुरुषार्थ करने लगता हूं तो उसी समय पढ़ाई का ख्याल आता है। मैं लौकिक और अलौकिक पढ़ाई में बैलेंस कैसे करूं, मैं कैसे तय करूं कि कौन् सी पढ़ाई को प्राथमिकता दूं क्रपया जरूर क्लीयर करें बहुत दिनों से कनफयूज हूं?
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