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*28 / 06 / 17 का मनन चिंतन*
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*अपने ब्राह्मण जीवन के कुछ ऐसे प्रैक्टिकल उदाहरण देकर बताइए...*
- *जब कोई परीक्षा आपको आगे बढाने के निमित बनी...*
- *जब कोई तूफ़ान आपके लिए तोहफा लेकर आया...*
- *जब किसी समस्या का समाधान करते हुए आपके अंदर कुछ गुणों और शक्तियों का विकास हुआ...*
- *जब कोई विघ्न आपको अगली क्लास में ले जाने की सीढ़ी बना...*
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सफलता की बुलंदियों पर पहुंच कर सुनहरे भविष्य के सपने संजोता हुआ मन सगे संबंधियों के तानों और तिरस्कार पाकर पूरी तरह आहत हो गया था। सपनों का शीशमहल बनाता अबोध मन समझ ही नहीं पा रहा था कि उसे किस गुनाह की ये सजा दी जा रही है। टूटे हुए शीशमहल का हर टुकड़ा हृदय को छलनी कर लहूलुहान किये जा रहा था। ऐसे में प्यार के सागर से प्यार की शीतल फुहारें पाकर प्यासे झुलसते मन को सहारा मिला। इन विघ्नों का बहुत बहुत शुक्रिया, जिन्होंने लौकिक सम्बन्धियों से वैराग्य दिला दिया, और खुद भगवान को मेरा साथी बना दिया।
बाबा का बनने के बाद भी राहें आसान नहीं थीं लेकिन बाबा ने कदम कदम पर साथ निभाया। लौकिक में अनेक समस्याओं का जिनका कुछ समाधान नज़र नहीं आ रहा था, बाबा ने ज्ञान योग के द्वारा सभी का हल करवाया। ये परिस्थितियां जीवन में शांति, सहनशीलता, मधुरता जैसे गुणों की धारणा में बहुत सहयोगी बनी।
खान पान और पवित्रता की धारणा में जितने विघ्न आते हैं, उतनी ही दृढ़ता की शक्ति बढ़ती है। बाबा से स्नेह बढ़ता जाता है और इस स्नेह से इतनी शक्ति मिलती है कि सब सहन करना बिल्कुल आसान हो जाता है। मधुबन जाना मुझ आत्मा के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। इस घटना ने सिखाया कि बाबा से जिगरी प्यार है तो बाबा किसी न किसी को निमित्त बना ही देते हैं।
whatsapp के माध्यम से बाबा ने सेवाओं के अवसर दिए। इतनी महान ब्राह्मण आत्माओं का संग मिलता है। सभी के अनुभव बहुत ही प्रेरणा देते हैं।